जम्मू कश्मीर 84471 वर्गमील में फैला हुआ इलाका है.. 15 अगस्त 1947 को जब भारत आजाद हुआ तब देश की 500 से ज्यादा रियासतें भारत में विलय हो गयी.. लेकिन 3 रियासते जूनागड़, हैदरबाद, कश्मीर इनपर सशंय अब भी बरकरार था.. कुछ समय पश्चात भारत के गृहमंत्री सरदार बल्लभ भाई पटेल ने अपने प्रयासों से हैदराबाद और जूनागढ़ को भारत मे मिला लिया.. लेकिन कश्मीर के राजा हरसिंह अब भी कश्मीर को एक स्वतंत्र देश रखना चाहते थे…
आइए देखे कैसे भारत मे कश्मीर का विलय हुआ?
जम्मू कश्मीर के राजा हरिसिह एक बहुत ही कुशल राजनीतिज्ञ है.. वही कश्मीर में उनके सबसे बड़े विरोधी के रूप में शेख अब्दुला प्रसिद्ध थे.. 1947 में शेख अब्दुला और अब्दुल कादिर उनसे मिलने गये जहाँ उनके सैनिको ने अब्दुल कादिर की हत्या कर दी.. जिसके विरोध में हिंदूओ की दुकानो को आग लगा दी गयी..शेख अब्दुला और अब्दुल कादिर ने आल जम्बू कश्मीर मुस्लिम कोन्फ्रेस की स्थापना की.. शेख अब्दुला जवाहर लाल नेहरू के करीबी थे.. राजा हरि सिंह ने उपद्रव के विरोध में मार्शल ला लागू कर दिया जिसमे शेख अब्दुला को 3 साल की सजा सुनाई गयी.. 27 सितम्बर 1947 को जवाहर लाल नेहरू ने सरदार पटेल को पत्र लिखा जिसमे उन्होंने पाकिस्तान से कुछ घुसपैठियो की भारत मे घुसने की आशका जाहिर की.. विगढ़ते हालात को संभालने के लिए शेख अब्दुला को 12 अक्तूबर 1947 को रिहा कर दिया गया…
उधर महाराजा हरिसिहं के उपप्रधान ने दिल्ली में कहा कि हम कश्मीर को पूर्व का स्विट्जर बनाना चाहते है… लेकिन अगर कोई देश हम पर दबाब डालता है तो स्थिति दूसरी होगी.. इसी बीच 24 अक्तूबर 1974 उत्तर कश्मीर की ओर से लगभग 2000 पठानों ने कश्मीर पर आक्रमण कर दिया.. ये खबर सुनकर 25 अक्तूबर 1947 को राजा श्री नगर मे अपने महल में आ गये और उन्होंने गृहमंत्री के सचिव वी. पी. मेनन से कश्मीर को बचाने के लिए मदद मांगी परतुं उन्होंने बिना आधिकारिक रूप से कश्मीर को भारत में शामिल किये बिना भारत आपकी कोई सहायता नहीं कर सकता.. तब राजा जयसिंह ने आधिकारिक रूप से कश्मीर को भारत में शामिल कर दिया…