भारत जहाँ महिलाओं को देवी की तरह पूजा जाता है नवरात्रि के दिनों में बेटियों की पूजा की जाती है वही भारत आज ऐसे हालात में पहुँच चुका है जिससे हम अगर पीछे पलटकर देखे तो केवल हैवानियत ही दिखाई देती है!
जब घर मे बेटी का जन्म होता है तो उसके रोने की आवाज सुनकर पूरा घर और समाज उसके रोने की आवाज सुनकर खुश होते है लेकिन आज वही आवाज आज चीखों मे बदल रही है वही बेटी आज अपनी लाज बचाने के लिए संघर्ष कर रही है खुद को रोज सैकड़ों हैवानियत से भरी नजरों का सामना कर रही है!!
“जब तक स्याही सूख न पाती है अखबार की,
तब तक एक और खबर आजाती है बलात्कार की!!”
इस बार भी यही हुआ अभी देश ट्विकल के गम से बाहर नहीं आया था अब तक हैदराबाद में हुई इस घटना ने देश को शर्मसार कर दिया… फिर एक डा प्रियंका नाम की बेटी का सामूहिक बलात्कार और उसके बाद उस बेटी को आग के हबाले कर दिया! इसके बाद भी देश सोच रहा है कि इन दरिंदों की सोच बदली जा सकती है!! आप रोयेंगे और ये लोग पिघल जायेंगे!!!
फूल बनकर जो जिया उसको यहाँ मसला गया,
आदमी फौलाद के सांचे में ढलना चाहिए…
छीनता हो हक तुम्हारा हाथ से जब कोई भी,
आँख से आशु नहीं शोला निकलना चाहिए…
जब उस बेटी की माँ से ये पूछा गया की आप क्या चाहती है कि आपकी बेटी के अपराधियों को क्या सजा मिले तो उन्होंने रोते हुए कहा” जैसे मेरी बेटी को जलाया वैसे उन्हे भी जलाना चाहिए”
वास्तव में तभी सच्चा न्याय होगा!!