पिछले कुछ दिनों से टीवी, अखबार से लेकर सोशल मीडिया तक हर जगह केवल कोरोना महामारी की खबरें ही देखने को मिल रही है। कहना गलत नहीं होगा लेकिन आज़ादी के बाद भारत इस वक्त अपने सबसे कठिन दौर से गुज़र रहा है। जिस तरह की त्रासदी इस वक्त देखने को मिल रही है, ऐसी त्रासदी मेरी पीढ़ी के किसी व्यक्ति ने शायद ही पहले कभी देखी होगी या महसूस की होगी। रोज़ाना सुबह से शाम तक केवल लोगों की मृत्यु की खबरें ही सुनाई दे रही है। हर रोज़ सुबह उठकर भगवान से प्रार्थना करता हूं कि आज कोई शोक समाचार ना सुनने को मिले, लेकिन विधि के विधान के आगे तो स्वयं ईश्वर भी नतमस्तक है।
ऐसे में एक सवाल बार-बार मन में आ रहा है कि क्या इस साल किसी के घर में दीपावली का दीपक जल पाएगा? इस महामारी के दौर में शायद ही कोई व्यक्ति ऐसा होगा जिसने अपने किसी करीबी मित्र, रिश्तेदार या परीचित को ना खोया हो। शायद ही कोई गली या मोहल्ला ऐसा होगा जहाँ से किसी के रोने और चीखने- चिल्लाने की आवाज़ कानों में ना गूंज रही हो। जिस तरह से यह महामारी लगातार अपने पैर पसार रही है, उसे देखकर मन व्यथित हो उठता है कि आने वाले कुछ दिनों और महीनों में देश की स्थिति क्या होगी।
टीवी पर रोज़ाना मौत के बढ़ते आकड़े दिखाए जा रहे हैं। सुबह से शाम तक मोबाइल फोन में ऑक्सीजन सिलेंडर और अस्पताल में बेड की मांग करते लोगों के स्टेटस और संदेश के सिवाय कुछ नज़र नहीं आ रहा है। ऐसे माहौल में कोई व्यक्ति त्यौहार या उत्सव मनाने के बारे में सोच भी नहीं सकता। यूं तो दीपावली आने में अभी कई माह शेष है, लेकिन जिस तरह से प्रतिदिन किसी ना किसी घर का चिराग बुझ रहा है, ऐसे में इस वर्ष दीपावली पर दीपक जलाना किसी बेईमानी से कम नहीं होगा।
हर कोई जानता है कि ईश्वर इससे ज्यादा बेरहम नहीं हो सकता और सभी को उम्मीद है कि आने वाले दिनों में सब कुछ ठीक हो जाएगा। कहा जाता है कि ये ज़िन्दगी है जनाब, जो किसी के जाने से रुकती नहीं है। यह सत्य है ज़िन्दगी रुकती नहीं, लेकिन वह कुछ समय के लिए थम जरूर जाती है। जो बच्चे इस दौर में अनाथ हो गए है, जिन माता-पिता ने अपने बच्चों को खो दिया है और जो महिलाएं विद्वा हो गई है, क्या उनके लिए यह ज़िन्दगी फिर कभी पहले जैसी हो पाएगी। अंत में फिर वही सवाल मन में उठ रहा है कि क्या इस वर्ष किसी के घर दीपावली का दीपक जल पाएगा?
Very niceeee….
Yeh soch sach hai iss bar koi parivartan shyad hi koi tyohar mana sake
Parivaar