वर्तमान भारत में जब हमारा देश विश्व गुरु बनने का प्रयास कर रहा है। उस वक्त लगातार अर्थव्यवस्था की नजर से भी हमारे देश को वैश्विक स्तर पर देखा जाता है। भारत की वर्तमान सरकार नरेंद्र मोदी की सरकार पर यह आरोप हमेशा लगते हैं कि हुकूमत केवल कुछ उद्योगपतियों के इशारों पर चलती है। लेकिन ऐसा नहीं कहा जा सकता क्योंकि संकट में यह उद्योगपति भी देश के लोगों के प्राणों की रक्षा करते हैं। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि जो लोग आंदोलनों के नाम पर रिलायंस की संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का काम कर रहे थे। जब देश पर ऑक्सीजन का संकट आया तो इन्हीं मुकेश अंबानी ने लोगों को ऑक्सीजन मुहैया कराने का काम किया।
मुकेश अंबानी का जन्म वर्ष 1957 में यमन कंट्री के एडन सिटी में हुआ था। मुकेश अंबानी के अलावा इनके माता पिता की तीन और संताने हैं, जिनमें से ये सबसे बड़े हैं। इनके छोटे भाई अनिल भी जाने माने बिजनेसमैन है, इसके आलावा इनकी दो बहने भी है जिनका विवाह हो चुका है। मुकेश अंबानी विश्व के कई प्रमुख व्यापारियों में शामिल है। ये इस वक्त रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के चेयरमैन और एमडी के रूप में कार्य कर रहे हैं और इनकी ये कंपनी विश्व की स बसे फेमस कंपनियों में से एक है।
मुकेश अंबानी के पास कितनी संपत्ति है इसका अंदाजा आप सिर्फ इस बात से लगा सकते हैं कि अकेले अंबानी की इस देश को 20 दिनों तक चला सकते हैं। मुकेश अंबानी एक कामयाब व्यापारी होने के साथ साथ कई तरह की चैरिटी से भी जुड़े हुए हैं और इनकी पत्नी भी कई तरह की चैरिटी के कार्य करती हैं।
मुकेश अंबानी के अलावा इन मैं बेटी और बेटे द्वारा भी अब इनका व्यापार संभाला जा रहामुकेश अंबानी को भारत में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में सब जानते है वे एक मशहूर व्यावसायी है जिनसे दुनिया का हर व्यवसायी मिलना चाहेगा और उनसे व्यावसाय करने का तरीका सीखना चाहेगा। उनका नाम किताबों में विश्व के माने जाने मशहूर व्यवसायीयों में से हैं।
बहुत सारे लोग यह जानते हैं कि बताया जाता है कि केवल 500 रुपये लेकर उन्होंने सपनों की मायानगरी मुंबई में प्रवेश किया था। वहीं, साल 2006 में फोर्ब्स के दुनिया के सबसे रईसों में धीरूभाई 138वें नंबर पर थे। उन्हीं के नक्शे कदम पर चलकर बड़े बेटे मुकेश अंबानी ने कारोबार को आगे बढ़ाया और अपना अलग नाम कमाया। मुकेश अंबानी अपने पिता की बहुत सारी बातों पर हमेशा गौर करते हैं और उनका पालन भी करते हैं।
पिता की शिक्षा ने बनाया बेटे का भविष्य
मुकेश अंबानी ने एक साक्षात्कार के दौरान बताया था कि धीरूभाई अंबानी बेहद प्रोफेशनल थे। कामकाज में वो रिश्तों को भी पार्टनरशिप का ही नाम देते थे। उनके पिता कहते थे कि बिजनेस पार्टनरशिप चलती है, न कि रिलेशनशिप। मुकेश अंबानी बताते हैं कि व्यापार में धीरूभाई बच्चों तक को पार्टनर्स मानते थे।
मुकेश अंबानी के पिता यह मानते थे कि अच्छे व्यापारी को ये पता होना चाहिए कि उसका लक्ष्य क्या है। वो कहते थे कि बगैर लक्ष्य तय किये कोई व्यक्ति कितनी भी मेहनत क्यों न कर ले, उसे सफलता प्राप्त नहीं होगी।