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पाकिस्तान में बैन है यह भारतीय अभिनेता

पुराने ज़माने में यह देखा जाता था कि मूवी कलाकार जैसा चरित्र परदे पे पेश करते थे, आम जनता आम जनता में उनकी वैसी ही छवि बन जाती थी। समय के साथ टेक्नोलॉजी का प्रभाव पड़ा, सोशल मीडिया के आने के बाद वह सब यादें ही बनकर रह गयीं। पर क्या आप जानते हैं कि पाकिस्तान में आम जनता ही नहीं,अपितु सरकार भी इस अभिनेता के परदे पे पेश किये गए चरित्रों से डरती हैं।

जी हाँ हम बात कर रहे हैं पूर्व एक्शन हीरो सनी देओल की।पाकिस्तान के सिनेमाघरों में सनी देओल की फ़िल्में नहीं लगने दी जाती हैं, ये पाकिस्तान सरकार का फ़रमान है। यहां तक की पाकिस्तान ने सनी देओल के वीज़ा पर आजीवन प्रतिबंध लगा रखा है।

आखिर क्या हैं मुद्दा?

सनी देओल ने अपने करियर में देशप्रेम से भरपूर ‘बॉर्डर’, ‘गदर’, ‘द हीरो’ और ‘मां तुझे सलाम’ जैसी फ़िल्में की हैं। इन सभी फ़िल्मों में उन्होंने पाकिस्तान विरोधी भूमिकाएं निभाई हैं।इस दौरान वो अपनी ज़बरदस्त डायलॉगबाज़ी से पाकिस्तान की ख़ूब बैंड बजाते हुए नज़र आते हैं। पाकिस्तानियों को सनी का यही अंदाज़ पसंद नहीं है इसलिए वो उनकी फ़िल्में देखना पसंद ही नहीं करते।

इस फ़िल्म ने किया था चिंगारी का काम 

यह नापसंदी नफरत में तब बदल गयीं जब सनी देओल ने साल 2001 में सुपरहिट फ़िल्म गदर: एक प्रेम कथा (Gadar: Ek Prem Katha) की थी। इस फ़िल्म में उन्होंने ट्रक ड्राइवर ‘तारा सिंह’ का किरदार निभाया था। भारत से पाकिस्तान जाने-आने के दौरान तारा को पाकिस्तानी लड़की ‘सकीना’ से प्रेम हो जाता है. लेकिन सकीना के पिता को ये रिश्ता मंज़ूर नहीं, इसके बाद ‘तारा सिंह’ पाकिस्तान में घुसकर ‘सकीना’ को भारत ले आता है।

इस फ़िल्म में सनी देओल ने पाकिस्तान के विरोध में ख़ूब डायलॉगबाज़ी की थी। इसके बाद न केवल सनी देओल, बल्कि उनकी फ़िल्मों को भी पाकिस्तान में हमेशा के लिए बैन कर दिया गया।इस दौरान पाकिस्तान सरकार ने भी उनके वीज़ा पर आजीवन प्रतिबंध लगा दिया।

जानकारी हो कि पाकिस्तान में ही नहीं, बल्कि अमेरिका, ब्रिटेन समेत अन्य देशों में रहने वाले पाकिस्तानी भी सनी देओल की फ़िल्में देखना पसंद नहीं करते।

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