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इन पांच मंदिरों में केवल हिंदू ही कर सकते हैं प्रवेश, इंदिरा गांधी को भी नहीं मिली मंदिर में जाने की इजाजत

जगन्नाथ मंदिर

जगन्नाथ मन्दिर एक हिन्दू मन्दिर है, जो भगवान जगन्नाथ (श्रीकृष्ण) को समर्पित है। यह भारत के ओडिशा राज्य के तटवर्ती शहर पुरी में स्थित है।इस मंदिर में भी किसी गैर-हिंदू के प्रवेश की इजाजत नहीं है। मंदिर के दरवाजे के निकट एक दिशा पट्टी लगी हुई है जिस पर लिखा है, ‘यहां केवल रुढिवादी हिंदूओं को भीतर जाने की अनुमति है’। इतना ही नहीं, जिन लोगों का गैर-हिंदूओं से संबंध भी हो उन्हें भी यहां दर्शन करने की अनुमति नहीं है। इसी वजह से 1984 में भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को भी यहां दर्शन करने की अनुमति नहीं मिली थी।

पद्मनाभस्वामी मंदिर

पद्मनाभस्वामी मंदिर भारत के केरल राज्य के तिरुअनन्तपुरम में स्थित भगवान विष्णु का प्रसिद्ध हिन्दू मंदिर है। भारत के प्रमुख वैष्णव मंदिरों में शामिल यह ऐतिहासिक मंदिर तिरुअनंतपुरम के अनेक पर्यटन स्थलों में से एक है। पद्मनाभ स्वामी मंदिर विष्णु-भक्तों की महत्वपूर्ण आराधना-स्थली है।इस मंदिर को 16वीं शताब्दी में त्रावणकोर के उस समय के महाराजाओं द्वारा बनवाया गया था।हर साल लाखों पर्यटक देश-विदेश से यहां आते हैंलेकिन गैर-हिंदूओं को अंदर आने की अनुमति नहीं है।

लिंगराज मंदिर

उड़ीसा की राजधानी भुवनेश्वर में बना लिंगराज मंदिर काफी प्रसिद्धि है। प्रतिदिन दूर-दूर से भक्त मंदिर के दर्शन करने आते हैं लेकिन इस मंदिर में केवल हिंदू धर्म के लोगों को जाने की अनुमति है मंदिर की प्रसिद्धि ऐसी है कि दूर पश्चिमी देशों से भी भक्त दर्शन करने आते थे लेकिन साल 2012 में एक विदेशी सैलानी ने यहां आकर मंदिर के कुछ कर्म-कांडों में अड़चन पैदा की थी जिसके बाद से ही मंदिर के ट्रस्ट बोर्ड द्वारा गैर-हिंदूओं का मंदिर परिसर में दाखिल होने पर रोक लगा दी गई।

काशी विश्वनाथ मंदिर

काशी विश्वनाथ मंदिर बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है। ज्ञानव्यापी मस्जिद ही असल काशी विश्वनाथ मंदिर है, ऐसा दावा किया जाता है। यह मंदिर पिछले कई हजारों वर्षों से वाराणसी में स्थित है। काशी विश्‍वनाथ मंदिर का हिंदू धर्म में एक विशिष्‍ट स्‍थान है। ऐसा माना जाता है कि एक बार इस मंदिर के दर्शन करने और पवित्र गंगा में स्‍नान कर लेने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। लेकिन इस मंदिर के अंदर उत्तरी दिशा में स्थित ज्ञान कुपोर कुएं के आस-पास किसी भी गैर-हिंदू को जाने की अनुमति नहीं है। दरअसल यह स्थान मंदिर के पवित्र क्षेत्रों में से एक है, जहां केवल हिंदूओं को आने की इजाजत है।

कामाक्षी मंदिर

तमिलनाडु के कांचिपुरम में स्थित कामाक्षी अम्मन मंदिर माता पार्वती यहां मां के कामाक्षी स्वरूप में पूजी जाती हैं। इस मंदिर को श्रद्धालु शंकराचार्यजी के नाम से भी जानते हैं। यह मंदिर दक्षिण भारत के प्रसिद्ध और विख्यात मंदिरों में से एक है लेकिन यहां पर भी गैर-हिंदूओं का आना मना है।

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