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जानिए भारत की उन महिलाओं के बारे में, इतिहास में जिनका नाम रहेगा सदा अमर

दुनियां का कोई भी देश तबतक विकास नहीं कर सकता जबतक उस देश की महिलायें बराबर का साथ न दें। जैसे की आप सभी जानते हैं की भारत की नारी हमेशा ही शक्तिशाली रहीं है। भारत की बहुत सारी नारियां ऐसी हैं जिनका नाम हमेशा इतिहास में दर्ज रहेगा। उन्होंने हमेशा भारत के मस्तिष्क को वैश्विक स्तर पर उठाने का काम किया है।

इंदिरा गांधी

इंदिरा गॉंधी भारतीय इतिहास की नायिका हैं। उनका जन्म 19 नवम्बर,1917 में इलाहाबाद में हुआ था। वह अपने पिता जवाहरलाल नेहरू की अकेली सन्तान थीं।शिक्षा के लिए उनको इंग्लैंड भेजा गया था। वह शुरू से ही निर्भीक और महिला थीं। आजादी की लड़ाई के लिए उन्होंने किशोरावस्था में वानर सेना का गठन किया था वह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की सक्रिय सदस्य रहीं। उनको अपने पिता की मृत्यु के बाद भारत का प्रधानमंत्री बनने का अवसर भी प्राप्त हुआ। वह भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री बनी थी। भारत और पकिस्तान के युद्ध 1971 में इंदिरा गॉंधी की भूमिका रही है।

इंदिरा गॉंधी को 1917 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया था इसके अलावा इन्हें कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया हैं। इंदिरा गांधी के दो बेटे संजय गांधी और राजीव गांधी भी राजनीति में सक्रिय थे। संजय गांधी की एक दुखद हादसे में मौत हो गई थी और राजीव गांधी को उनके प्रधानमंत्री कार्यकाल के दौरान अपने प्राण त्याग नहीं पड़े।

किरण बेदी

किरण बेदी का जन्म 9 जून 1949 को अमृतसर में हुआ था। किरण बेदी ने स्कूल से लेकर ग्रेजुएशन तक की पढ़ाई अमृतसर में ही की । दिल्ली यूनिवर्सिटी से उन्होंने कानून की डिग्री LLB ली और वर्ष 1993 में उन्हें आई.आई.टी दिल्ली के सोशल साइंस विभाग से इसी विषय में पी.एच.डी (डाक्ट्रेट) की उपाधि मिली। किरण बेदी को भारत की प्रथम महिला पुलिस अधिकारी होने का अवसर मिला था। एक किशोर की तरह, बेदी 1966 में राष्ट्रीय कनिष्ट टेनिस चैंपियन बनी।1965 से 1978 के बिच उन्होंने कई सारे राष्ट्रीय और राज्य पुरस्कार जीते।

कल्पना चावला

कल्पना चावला का जन्म 17 मार्च 1962 को हरियाणा में हुआ था।अपने सपने को साकार करने के लिए कल्पना चावला ने पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज चंडीगढ़ में ‘एरोनौटिकल इंजीनियरिंग’ पढने के लिए ‘बी.इ.’ में दाखिला लिया और सन 1982 में एरोनौटिकल इंजीनियरिंग की डिग्री भी हासिल कर ली। इसके बाद वे अमेरिका चली गयीं और सन 1982 में एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में स्नातकोत्तर करने के लिए दाखिला लिया। उन्होंने इस कोर्स को सन 1984 में सफलता पूर्वक पूरा किया । पहली भारतीय अमरीकी अंतरिक्ष यात्री और अंतरिक्ष शटल मिशन विशेषज्ञ थी।वे कोलंबिया अन्तरिक्ष यान आपदा में मारे गए सात यात्री दल सदस्यों से एक थीं।वे अंतरिक्ष में जाने वाली द्वितीया भारतीय और प्रथम भारतीय महिला थीं।

पंकज भदौरिया

मास्टर शेफ इंडिया जीतने वाली पहली भारतीय महिला पंकज भदौरिया भी सम्मानित की गई महिलाओं में शामिल थीं। उन्होंने बताया कि यह एक खूबसूरत पहल है। उन्होंने कहा कि यह न सिर्फ उन महिलाओं को पहचान दे रहा है बल्कि उन युवा लड़कियों को भी आगे बढ़ने का मौका दे रहा है जो अपने जीवन में एक मुकाम हासिल करना चाहती हैं।

बछेंद्री पाल 

दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाली पहली भारतीय महिला का खिताब बछेंद्री पाल के नाम है। उन्होंने माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई कर 7 रिकॉर्ड अपने नाम किए। उन्हें पद्मश्री व अर्जुन अवॉर्ड से नवाजा गया और उनका नाम गिनीज बुक ऑफ वल्र्ड रिकॉर्ड में भी दर्ज किया गया।

विजया लक्ष्मी पंडित

विजया लक्ष्मी पंडित का जन्म 18 अगस्त 1900 में इलाहाबाद में हुआ था और वह भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की बहन थीं। साल 1932 से 1933, साल 1940 और साल 1942 से 1943 तक अंग्रेजों ने उन्हें तीन अलग-अलग जेल में कैद किया था। राजनीति में विजया का लंबा करियर आधिकारिक तौर पर इलाहाबाद नगर निगम के चुनाव के साथ शुरू हुआ। साल 1936 में, वह संयुक्त प्रांत की असेंबली के लिए चुनी गयी और साल 1937 में स्थानीय सरकार और सार्वजनिक स्वास्थ्य मंत्री बनी| ऐसा पहली बार था जब एक भारतीय महिला कैबिनेट मंत्री बनी। सभी कांग्रेस पार्टी के पदाधिकारियों की तरह उन्होंने साल 1939 में ब्रिटिश सरकार की घोषणा के विरोध में इस्तीफा दे दिया।

सरोजनी नायडू

सरोजनी नायडू एक महान कवयित्री और स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थीं। सरोजनी जी पहली महिला थी जो इंडियन नेशनल कांग्रेस की अध्यक्ष और किसी प्रदेश की गवर्नर बनीं थीं। सरोजनी ज्यादातर अपनी कविताएं बच्चों पर लिखती थीं। भारत की महान महिलाओं की लिस्ट में सरोजनी नायडू का नाम सबसे पहले आता है।

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