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डिप्रेशन ने ली सुशांत सिंह राजपूत की जान, लेकिन क्या आत्महत्या ही है डिप्रेशन का इलाज?

‘Success का प्लान सबके पास है, लेकिन अगर गलती से फेल हो गए तो Failure से कैसे डील करना है, ये कोई नहीं बताता’ बॉलीवुड एक्टर सुशांत सिंह राजपूत की फिल्म ‘छिछोरे’ का ये डायलॉग तो आप लोगों को याद ही होगा। अपनी इस फिल्म और इस डायलॉग के चलते कई जिंदगियों को नयी उम्मीद देने वाले सुशांत सिंह राजपूत खुद डिप्रेशन की वजह से हमेशा के लिए दुनिया और अपने चाहने वालों से दूर चले गए। मुंबई में सुशांत ने फांसी लगाकर खुद को मौत के हवाले कर दिया। उनके करीबी लोगों का कहना है कि सुशांत पिछले काफी समय डिप्रेशन में चल रहे थे।

डिप्रेशन को भले ही आज के समय में मज़ाक के तौर पर लिया जाता हो लेकिन एक सच ये भी है कि आज ये भारत के साथ विश्व के लिए भी सबसे बड़ी समस्या बनता जा रहा है। अगर यकीन नहीं होता तो फिल्म इंडस्ट्री के कुछ पुराने पन्नो को पलट कर देख लीजिए। कई ऐसे सितारें है जो एक्टिंग की दुनिया में कदम रखते ही डिप्रेशन का शिकार होने लगते है। आज के युवा भी हार और जीत के बीच के दलदल में कुछ इस तरह से फंस चुके है कि वह अपनी ज़िंदगी जीना ही भूल गए है।

जिंदगी का ये कड़वा सत्य है कि जो इस दुनिया में आया है उसे एक दिन अपना सब कुछ त्याग कर यहाँ से जाना होगा लेकिन समय से पहले ज़िन्दगी से हार कर अपनों को अलविदा कह जाना, ये कहाँ का न्याय है? डिप्रेशन के चलते लोग आत्महत्या करने पर इतना मजबूर हो जाते है कि उन्हें इस बात का आभास भी नहीं रहता कि इस कदम से उनके परिवार के ऊपर किस तरह का प्रभाव पड़ेगा।

डिप्रेशन का आना सामान्य सी बात होती है। कुछ लोगों के लिए तो उनके दिन की शुरुआत ही इस शब्द के साथ होती। किसी व्यक्ति की उसके परिवार के साथ अनबन हो तो वह डिप्रेशन में जाने लगता है। कोई पढाई को लेकर डिप्रेशन का शिकार है तो कोई आर्थिक तंगी को लेकर। यही कारण है कि 2016 में वर्ल्ड मेन्टल हेल्थ डे का थीम भी डिप्रेशन ही था।

ऐसे में अब लोगों के लिए जरुरी हो गया है कि वह जल्द से जल्द इस मानसिक बीमारी को पहचाने और इसका इलाज कराएं। इस बीमारी का सबसे बड़ा लक्षण मन का उदास रहना है। अगर आपके साथ कुछ अच्छा भी घट रहा हो, तो भी आप उदास रहने लगते है। इसलिए डिप्रेशन से बाहर आने के लिए सबसे पहले आपको नेगेटिव विचारों से दूर रहना होगा। अन्य बीमारियों की तरह ही आपको इस बीमारी को भी ठीक करना होगा। इसके अलावा आप डॉक्टर्स की सलाह से भी डिप्रेशन से बाहर आने में मदद ले सकते है। अपने करीबी दोस्तों के साथ समय बिताएं। अपने परिवार के साथ कही बाहर जाकर भी आप इस बीमारी को पल भर में अलविदा कह सकते है।

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