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मौजूदा भारतीय तेज गेंदबाजी आक्रमण दुनिया में सर्वश्रेष्ठ है

साल 1950 से 1985 के बीच का ये वो समय था जब कैरेबियाई गेंदबाजों की विश्व क्रिकेट में तूती बोलती थी। मैलकम मार्शल, माइकल होल्डिंग, कर्टली एम्ब्रोस जैसे खतरनाक और घातक गेंदबाजो के आगे भारत ही नहीं बल्कि ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड जैसे देशों के दिग्गज बल्लबाज़ों के पसीने छूट जाते थे। उस तेज़ गेंदबाजी के दौर को शायद कभी वापस न लाया जा सके लेकिन आज के समय में भारतीय तेज गेंदबाजी आक्रमण को देखते हुए हर भारतीय खेल प्रेमी का सीना गर्व से चौड़ा हो जाता होगा। भारतीय क्रिकेट को हमेशा से नायाब हीरे मिले। सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली, सुनील गावस्कर, विरेंद्र सहवाग ऐसे कई नाम है जिन्होंने भारतीय क्रिकेट को अलग पहचान दी।

गेंदबाजो की बात करें तो इरफान पठान और ज़हीर खान ऐसे तेज गेंदबाज थे जिनकी तुलना 90 के दशक के दौरान पाकिस्तान और ऑस्ट्रेलिया के तेज़ गेंदबाज़ी आक्रमण से होने लगी थी। लेकिन उनके सन्यास के बाद कुछ साल ऐसे रहे जिन्होंने भारतीय क्रिकेट पर कई तरह के सवाल खड़े कर दिए। लेकिन आज वो समय है जब भारत के तेज़ गेंदबाजी का जवाब किसी के पास नहीं है। हाल ही में दक्षिण अफ्रीका के साथ भारत में खेली गयी 3 मैचों की टेस्ट श्रृंखला इसका सबसे बड़ा उदाहरण है।

आमतौर पर भारतीय पिचों को स्पिन गेंदबाजी के अनुकूल माना जाता है लेकिन इस बार शमी और उमेश यादव जैसे तेज़ गेंदबाज़ श्रृंखला के हीरो बने। वहीं पहले टेस्ट में इशांत शर्मा भी अपने पूरे रंग में नज़र आए थे। पूरी सीरीज में भारत के तेज़ गेंदबाज़ों ने कुल 26 विकेट निकाले जबकि अफ्रीका के तेज़ गेंदबाज 10 विकेट ही हासिल कर पाए। शमी ने 3 मुकाबलों में 13 विकेट अपने नाम किये वहीं उमेश के खाते में 11 विकेट आए। धीमी पिचों पर तेज गेंदबाजी शायद इससे बेहतरीन नहीं हो सकती।

घर में ही नहीं बल्कि विदेश में भी जसप्रीत बुमराह, भुवनेश्वर कुमार और मोहम्मद शमी इस समय हर देश के बल्लेबाजों के लिए सर दर्द बने हुए है। यही वजह है कि आज के दौर की भारतीय तेज़ गेंदबाजी इतिहास की सबसे बेहतरीन गेंदबाज़ी आक्रमण है।

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