है फैल गया जो अँधियारा
हमें उसे मिटाना है,
हर भारतवासी को मिलकर
दीप जलाना है।
जूझ रहा संकट से भारत,
रोग बना है कष्टदायक,
जो खोने लगा है इसके भय से
उस विश्वास को पाना है,
हर भारतवासी को मिलकर
दीप जलाना है।
सब हैं हम भारत माँ के बेटे,
मिलकर हम सब एक पेड़
हैं बनते,
फिर क्यों हैं बिखरे हम पत्ते पत्ते,
इस महायुद्ध में सबको मिलकर
एक हो जाना है,
हर भारतवासी को मिलकर
दीप जलाना है।
कोरोना से डरना नहीं,
पर इससे उलझना भी नहीं,
सरकार की बातें मानेंगें
ये संकल्प उठाना है।
हर भारतवासी को मिलकर
दीप जलाना है।
Nice poem
Thank you vishal ji.