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यूपी के प्रधानों का विदाई गीत

अब का करिहौ चली गै परधानी,
नाली मा खायो खरंजा मा खायो,
टट्टिन  की बनवाई का खायो,
दस पांच जाब कार्ड ऐसे बनायो ,
हर एक काम मा  फर्जी लगायो ,
निकराय लिह्यो पैसा दै खर्चा पानी ।
अब का करिहौ चली गै परधानी ।।
बड़े बड़े कामन की योजना बनायो ,
कागज मा लाखन की लाइटें लगायो ,
फर्जी रिबोर हैन्डपम्प के करायो ,
चालू हैन्डपम्पन कै मरम्मत करायो,
कागज मा खाली मगांयो कूड़ा दानी ।
अब का करिहौ चलीगै परधानी ।।
सगरे स्कूलन का सुन्दर बनायो,
ढाई ढाई लाखन का खर्चा देखायो ,
फर्जी तलौनन का सुन्दर बनायो ,
खुद हू खायो अधिकारिन का खवायो ,
पाँच साल पूरे करेहौ मनमानी ।
अब का करिहौ चली गै परधानी ।।
बीस हजार कालोनी मा लीन्हेव ,
पट्टन खातिर एडवांसौ लै लीन्हेव ,
कोटेदरवा से गल्लौ मँगायो ,
आटा पिसाय भैंसिन का खवायो ,
खाय फ्री आटा भैंसीवा मोटानी ।
अब का करिहौ चलीगै परधानी ।।
आजु परधानन कै होई गै विदाई ,
नये परधानन कै बारी  फिर  आई।
जाति पाँति ,चक्कर मा न परेव भाई,
शिक्षित, इमानदार ही चुन्यो भाई ।।
केवल गरीब का गरीब हित जानी ।
अब का करिहौ चली गै परधानी ।।

        भूपेन्द्र पधारा 9918776624
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