Site icon Prabha

प्रकृति के खुश नुमा रंगों से गुलजार, केदार

केदार नाथ आपदा की यादे ताजा है सबसे ज्यादा तबाही का मंजर रूध्रप्रयाग जिले मैं स्तिथ उत्तराखंड के केदारनाथ ,रामबाड़ा का अब भी वो दृश्य हमे चकित कर देता है हिंदुस्तान के अनेकों कोनों से अलग अलग भाशा ओर बोलियों मैं प्रशासन को कॉल गये टूटी फूटी हिंदी अंग्रेजी या इन भासा ओ के किसी जानकार से बात करवाते और उनका सिर्फ एक ही सवाल होता था कि वे अपने परिजनों एवम करेबियो के बारे मे कहा से पता लगाये! प्रशासन का हर काल के बाद जवाब होता था घबराये नही प्रशासन लोगों की मदद के साथ साथ लोगो को सुरक्षित निकाल रहा है।

वही केदार के दर पर स्थिति गरूढ़ चड्डी के नीचे का इलाका अब भी तबाही के जख्मों की याद ताजा करता है। पूरी केदारनाथ घाटी जो सदियों से केदार जाने वाले लोगो का पड़ाव थी। अब तबाही को समेटे किसी तस्वीर के बदरंग फ्रेम की तरह दिखाई देती है। जिसमे प्रकृति अपना धीरे -धीरे रंग भर रही है। केदारनाथ धाम व उसके आस पास के इलाके का पुननिर्माण भव्य तरीके से हो रहा है जिसके नतीजे अब दिख ने लग रहे है। हालांकि मंदिर के बाएं हिस्से मैं चोर बाड़ी सरोवर से फूटी प्रचंड जलधाराओ के आक्रोश के निशान सहायद ही शिव के धाम मैं उपजे तांडव को किसी को भूलने दे। पास मैं ही मौजूद भव्य केदारनाथ चोटी जिसके नीचे मंदिर मौजूद है। पूरी केदारनाथ घाटी अब अपना रुप ले रही है।

वही कोरोना काल मे लॉकडाउन से मुक्त हुए पर्यटक बेखोफ केदार की शरण मे आ रहे है। जो थोड़ा विचलित करने वाला है।केदारनाथ ट्रेकिंग के लिहाज से मुश्किल है ।लेकिन भगवान के प्रति आश्था यहा मुश्किलों पर भारी पड़ती हुई नजर आती है आपको जानकारी से अवगत करवाते चले 8वी सताब्दी मैं बने भगवान केदारनाथ के मंदिर को लगभग बहुत बड़ा नुकसान पहुचा था सरकारी आकडॉ के अनुसार लगभग पाँच हजार लोगों की जान चली गयी थी वर्ष 2013 मैं आई इस त्रासदी के बारे मैं सोचकर या सोसियल मीडिया मैं उपलब्ध वीडियो क्लिप को देख कर आज भी लोग सिहर जाते है ।

Exit mobile version