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क्या कोरोनावायरस को खत्म करने के लिए भगवान विष्णु अपने 10वें अवतार कल्कि के रूप में जन्म लेने वाले है?

महाभारत के युद्ध के दौरान भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश देते हुए कहा था कि जब-जब धर्म का विनाश होगा और बुरी शक्तियाँ लोगों पर हावी होने लगेगी, तब-तब भगवान विष्णु धरती पर एक नए अवतार के रूप में जन्म लेंगे और धर्म की पुनः स्थापना करेंगे।

इस धरती पर जब भी कोई विकट घड़ी आई है तो भगवान विष्णु ने एक नया अवतार लिया है। माना जाता है कि भगवान विष्णु के इस काल में कुल 10 अवतार होंगे। इन 10 अवतारों में से 9 अवतार अभी तक भगवान विष्णु ले चुकें है, जिनमें मत्स्य, वामन, नरसिंह, भगवान राम, श्रीकृष्ण आदि शामिल है। लेकिन विष्णु का 10वां अवतार इस धरती पर होना अभी बाकी है। मान्यताओं के अनुसार विष्णु का 10वां अवतार भगवान कल्कि के रूप में होगा। वे देवदत्त नाम के सफेद घोड़े पर हाथ में तलवार लिए प्रकट होंगे और इस दुनिया से सभी बुरी शक्तियों का नाश कर धर्म की ध्वजा फहराएंगे।

भगवान विष्णु कल्कि के अवतार में कब जन्म लेंगे यह कोई निश्चित तौर पर नहीं बता सकता। कुछ शास्त्रों के अनुसार कलियुग के अंत में भगवान विष्णु ये अवतार लेंगे तो कुछ ग्रंथों का मानना है कि कल्कि अवतार के रूप में वे जन्म ले चुके है। उनके इस अवतार को लेकर हमेशा से धर्मज्ञानियों के बीच वाद-विवाद भी होता रहता है। देश में कई जगहों पर कल्कि भगवान के मंदिर भी बने हुए है। मुसीबत के समय में लोग भगवान कल्कि के द्वार सबसे ज्यादा खटखटाते है।

भारत में प्राचीन समय से ही पौराणिक कथाओं का विशेष महत्व रहा है। जब भी देश-दुनिया में कोई मुसीबत आती है तो भारतीय लोग अपने पुराणों और ग्रंथों में उसे दूर करने का उपाय ढूंढने लगते है। इस समय पूरे विश्व में कोरोनावायरस का गहरा संकट मंडरा रहा है। यह संकट इतना बड़ा है कि इसके आगे बड़े-बड़े राज्य, तमाम स्वास्थ्य सुविधाएं सब कुछ विफल होती नज़र आ रहा है। देश के राजा अपनी प्रजा को तड़पते हुए देख रहे है, लेकिन इन सबके के आगे वे बिल्कुल विवश होते नज़र आ रहे है।

कोरोनावायरस के कारण देश के सभी मंदिरों पर ताला लग चुका है। लोग अपने घरों के अंदर कैद हो गए है। ऐसा प्रतीत हो रहा है मानो बाहर किसी राक्षस या बुरी आत्मा ने जन्म ले लिया है, जिसकी यदि छाया भी मनुष्य के ऊपर पड़ गई तो मनुष्य का विनाश निश्चित है। ऐसे में लोगों को केवल भगवान का सहारा ही नज़र आ रहा है। क्या हमें ये मान लेना चाहिए कि ये भगवान कल्कि के जन्म लेने के लिए बिल्कुल उपयुक्त समय है? क्योंकि पुराणों में ऐसा भी कहा गया है कि जिस समय कलियुग में शैतानी शक्तियां अपनी चरमसीमा पर होगी, उसी समय भगवान कल्कि का जन्म होगा।

पिछले कुछ महीनों पर गौर किया जाए तो परिस्थितियां दिन पे दिन बिगड़ती जा रही है। पहले पूरे देश में खासतौर पर दिल्ली-मुंबई जैसे महानगरों में प्रदुषित वातावरण ने लोगों का जीना हराम कर दिया था। उसके बाद पूरा देश विरोध प्रदर्शन की आग में धू-धू कर जल उठा। उसका मामला अभी तक शांत भी नहीं हुआ कि कोरोनावायरस ने अपना कहर बरसाना शुरू कर दिया है। इस वायरस रूपी राक्षस के कारण तो मानों पूरी दुनिया थम सी गई है।

आज से पहले दुनिया में कभी इतनी गंभीर परिस्थितियाँ नहीं देखी गई है। ऐसे में ये भी कहना गलत नहीं होगा कि कल्कि भगवान इस धरती पर जन्म ले चुके है। लोग एक बार फिर से अपने परिवार वालों के साथ समय व्यतीत कर रहे है। देश में लाखों-करोड़ो लोगों ने ना जाने कितने सालों के बाद अपने पूरे परिवार के साथ बैठकर खाना खाया होगा। वातावरण एक बार फिर से साफ हो गया है। पंछी आज़ाद होकर हवा में उड़ान भर रहे है। हालांकि इसके कुछ बुरे पहलू भी सामने आ रहे है। लोग रोटी के दाने-दाने के लिए मोहताज हो रहे है।

कुछ शास्त्रों में ऐसा भी कहा गया है कि कल्कि भगवान उत्तरप्रदेश के मुरादनगर जिले में एक ब्राह्मण के घर पैदा होंगे। इस बारे में अभी कुछ भी कहना मुश्किल है कि कल्कि ने जन्म ले लिया है या फिर आने वाले समय में जन्म लेंगे। इस कोरोनावायरस से लड़ने के लिए अभी तक तो केवल भगवान का सहारा ही नज़र आ रहा है। ऐसे में यदि अभी तक विष्णु जी ने अपना 10वां अवतार नहीं लिया है तो ये समय उनके अवतरित होने के लिए बिल्कुल सटीक नज़र आता है। आप सब भी यही कामना करें कि भगवान विष्णु जल्द ही धरती पर अपने 10वें अवतार में प्रकट हो इस वायरस का जल्द से जल्द नाश कर धर्म की पुनः स्थापना करें।

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