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कोहली के लिए ‘विराट’ तो धोनी के लिए यादगार रहा ये दशक

साल 2019 कुछ दिनों में अलविदा कहने वाला है। जल्द पूरी दुनिया एक नए दशक की शुरुआत होते देखेगी। पिछले 10 साल यानी पिछले दशक की बात करें तो यह दशक पूरी तरह भारतीय क्रिकेट टीम के नाम रहा। इन 10 सालों में भारतीय क्रिकेट जिस ऊंचाइयों तक पहुंचा, वह सफर काफी सुनहरा रहा। महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में भारतीय टीम 28 साल बाद विश्व विजेता बनी। यह कहानी यहीं नहीं रुकी विश्व विजेता बनने के बाद 2013 में महेंद्र सिंह धोनी चैंपियंस ट्रॉफी जीतने के साथ आईसीसी के सभी टूर्नामेंट जीतने वाले पहले कप्तान बने। इसी दशक में पहली बार भारतीय टीम धोनी की कप्तानी में ही टेस्ट में नंबर एक टीम बनी।

2007 टी20 विश्व कप जीतने के साथ शुरू हुआ धोनी का सफर उन्हें विश्व का लीजेंड क्रिकेर बना देगा ये किसी ने नहीं सोचा होगा। धोनी ने इस दशक में 15000 से भी ज्यादा रन बनाए। उनके लिए ये दशक कितना खास रहा इस बात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि 2 साल पहले कप्तानी छोड़ने के बावजूद विसडन क्रिकेट ने ऑल टाइम 11 में धोनी को अपना कप्तान चुना है। साथ ही क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने भी धोनी को दशक की ऑल टाइम वनडे टीम में अपना कप्तान चुना है।

धोनी ने इस दशक के शुरुआत में टीम इंडिया को एक नई राह दिखाई तो दशक के अंत में विराट कोहली ने टीम इंडिया को निडर योद्धा बना डाला। कुल मिलाकर यह दर्शक महेंद्र सिंह धोनी और विराट कोहली के नाम रहा। 2010 से पहले दुनिया ने भारतीय क्रिकेट को सचिन तेंदुलकर के तौर पर जाना वहीं 2010 के बाद यह प्रथा विराट कोहली ना आगे बढ़ाई। साल 2000-09 के बीच ऑस्ट्रेलियाई टीम के कप्तान रिकी पोंटिंग ने 9103 रन बनाए उस पूरे दशक में रिकी पोंटिंग को कोई पीछे नहीं छोड़ पाया था लेकिन विराट कोहली ने इस दशक में पोंटिंग के रिकॉर्ड को तोड़ दिया। 10 वर्षों के काल में विराट कोहली वनडे क्रिकेट में 11125 रन बनाने वाले दुनिया के पहले खिलाड़ी बने। इस दौरान उन्होंने सबसे ज्यादा 41 शतक भी जड़े। टेस्ट में कोहली के बल्ले से 7 हजार निकले। उनके नेतृत्व में टीम इंडिया रैंकिंग में नंबर एक पायदान पर है। धोनी की तरफ ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट ने विराट को दशक की ऑल टाइम इलेवन टेस्ट टीम का कप्तान बनाया है। साथ ही कोहली धोनी के साथ विसडन क्रिकेट टीम में भी चुने गए है।

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