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अपने करियर के प्रति जागरूक बनिए

स्किल्स की कोई कमी न हो तो योग्य व्यक्तियों के लिए मौकों की कोई कमी नहीं होतीI आजकल विभिन्न कंपनियां प्रोफेशनल क्वालिफिकेशन के अलावा किसी कैंडिडेट में जिन गुणों की खोज करतीं हैं, उन्हें तीन मंत्रों के रूप में समझा जा सकता है- पहला है व्यावहारिक ज्ञान, दूसरा है आत्मविश्वास और तीसरा है अंग्रेज़ी भाषा का व्यावहारिक ज्ञानI स्टूडेंट्स को अपने करियर को ध्यान में रखते हुए इन सब बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिएI मनपसंद नौकरी पाने और अच्छे से जीवन यापन करने के लिए स्टूडेंट्स को योजना बनानी होगी और इस पर अनुशासन से अमल भी करना होगाI उन्हें पहले से ही ये सोचना होगा कि पूरी पढ़ाई खत्म होने से पहले नौकरी करनी है और अगर हाँ, तो कब तक? कौन सा प्रोफेशनल कोर्स उनके लिए ज़्यादा उपयुक्त रहेगा जिसको करने में उनका मन भी लगे? जब एक बार वे कोर्स का चयन कर लें फिर देखें कि उसके लिए सर्वोत्तम संस्थान कौन-सा हो सकता है? वहीं, अगर आप नौकरी करते हुए कोई प्रोफेशनल कोर्स करना चाहते हैं तो आपको ये फैसला लेना होगा कि आपको नौकरी के साथ पूरी पढ़ाई खत्म करनी है या नौकरी छोड़कर? अगर नौकरी की विवशता ज़्यादा है और आप उसे छोड़ नहीं पाते, तो आप नौकरी के साथ ही डिस्टेंस मोड से अपने करियर को ध्यान में रखते हुए प्रोफेशनल कोर्स कर सकते हैंI अक्सर लोगों के मन में ये सवाल रहता है कि डिस्टेंस मोड से की गई पढ़ाई क्या उतनी ही मान्य होती है, जितनी रेगुलर? तो इसका जवाब है हाँ! इसके साथ ही जब आप पढ़ाई खत्म होते ही नौकरी की तलाश करेंगे तो एक और सकारात्मक तथ्य आपके साथ जुड़ जाएगा और वो है आपकी नौकरी का अनुभव जिससे तब आपको और बेहतर नौकरी मिल सकेगीI इन सबके लिए आपको बेजोड़ इच्छाशक्ति दिखानी होगी और अपने कदम उसी दिशा में आगे बढ़ाने होंगेI आपको अगर ये कसौटियां स्वीकार होंगी तभी आप अपनी मंजिल तक पहुंच पाएंगे व अपने जीवन को एक सही दिशा दे पाएंगेI

मुश्किलों से घबराए बिना और उनका निडर होकर सामना करने से ही आत्मविश्वास आता हैI ऐसे में अपनी पसंद का प्रोफेशनल कोर्स करने के बाद शुरुआत में एक छोटी कंपनी में नौकरी मिलने से भी आपका आत्मविश्वास बढ़ सकता है. याद रहे कि आप चाहे छोटी कंपनी में ही कार्य क्यों न कर रहें हों पर अगर आपमें वो गुण है जो बाकियों में नहीं तो आपको आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकताI

आज इस वैश्वीकरण युग में अंग्रेज़ी का व्यावहारिक ज्ञान बहुत ज़रूरी हो गया है. आप अगर जिस भी वजह से अंग्रेज़ी से दूर हैं तो आपको अपनी इस कमज़ोरी से निजात पानी होगीI इसकी शुरुआत आप प्रतिदिन किसी भी अच्छे अंग्रेज़ी अखबार पढ़ने से कर सकते हैंI पढ़ते वक़्त जो भी शब्द समझ में न आए उसको अपनी डायरी में लिख लें और साइड में उसका अर्थI कुछ ही महीनों में आप पाएंगे कि आपकी अंग्रेज़ी में सुधार हो रहा है और फिर आप अपनी मंजिल के और भी करीब पहुंच जाएंगेI

स्टूडेंट्स अपनी पसंद का कोई भी प्रोफेशनल कोर्स क्यों न करें पर उन्हें अपनी क्षमताएं मालूम होनी चाहिएI ज़रूरी नहीं कि आपका दोस्त अगर इंजीनियर या डॉक्टर बनना चाहे तो आप भी उसी की राह पकड़ लें बल्कि समझदारी इसमें है कि आप बिना किसी को देखे या सुने, अपने मन की आवाज़ सुनें व वो रास्ता चुनें जिसमें आप अपना सर्वश्रेष्ठ दे सकेंI आपको ये भी नहीं सोचना चाहिए कि एक बार अपनी पसंद का कोर्स कर लेने के बाद आपको तुरंत ही सबकुछ मिल जाएगा और सफलता मिल जाएगीI सफल होने का मतलब सिर्फ कोर्स पूरा करना भर ही नहीं बल्कि उसके बाद आप कैसे अपने जीवन को दिशा देते हैं, ये इस बात पर निर्भर करता हैI जबतक जीवन है तबतक संघर्ष रहता ही है इसलिए कठिनाइयां तो आएंगी पर आप उनका सामना पूरे जोश के साथ करेंगे, ये बात हमेशा याद रखिएगाI खुद पर किया गया आपका यही विश्वास आपको सफल बना सकता हैI ज़िंदगी में सफल होने के लिए निरंतर सीखते रहना व अपनी कमज़ोरियों पर विजय प्राप्त करने की प्रक्रिया के तहत ही मुमकिन है और ऐसा महान लोगों के जीवन को देखकर समझा जा सकता हैI मेहनती और हिम्मती लोगों से सदैव हमें सीखने को मिलता है, जिसके बल पर आप भी अपनी बाधाओं को पार कर सकते हैंI तभी भविष्य में आप अपनी मंज़िल तक पहुंचेंगे और सफल हो सकेंगेI

आज स्टूडेंट्स के पास करियर बनाने के ढेरों ऑप्शन्स हैं पर इसीके साथ ये भी सच है कि इन्हीं ढेरों ऑप्शन्स के बीच कई स्टूडेंट्स कंफ्यूज भी हो जाते हैं और ऐसे में कई बार वो किसी और को देखकर गलत निर्णय ले लेते हैंI यहां अभिभावकों को भी समझना पड़ेगा कि शायद उनकी इच्छाओं का बोझ उनके बच्चे न उठा पाएं इसलिए बेहतर होगा कि वो अपनी मर्ज़ी अपने बच्चों पर न थोपेंI देखा गया है कि अभिभावकों का साथ मिलने पर बच्चे स्वतः खुदमें आत्मविश्वास महसूस करने लगते हैं और वे बेहतर तरीके से अपने जीवन को आगे बढ़ाते हैंI

समय के साथ आज स्टूडेंट्स को 100 प्रतिशत देने की बजाए अपना 101 प्रतिशत देना होगा तभी वो अपनी एक अलग पहचान बना पाएंगेI वैसे भी अगर इच्छा आगे बढ़ने की हो तो पीछे की ओर जाने की राह दिखाई ही नहीं देती. स्टूडेंट्स अगर आगे बढ़ने की आदत डाल लेंगे तो वे कभी पीछे जा ही नहीं सकेंगेI इन बातों को समझिए और किसी भी कार्य को करने के लिए अपना शत-प्रतिशत से भी अधिक देने की कोशिश करेंI

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